अर्थ : मन की वह अप्रिय और कष्ट देने वाली अवस्था या बात जिससे छुटकारा पाने की स्वाभाविक प्रवृत्ति होती है।
उदाहरण :
दुख में ही प्रभु की याद आती है।
उनकी दुर्दशा देखकर बड़ी कोफ़्त होती है।
पर्यायवाची : अक, अघ, अनिर्वृत्ति, अरिष्ट, अलाय-बलाय, अलिया-बलिया, अवसन्नता, अवसन्नत्व, अवसेर, असुख, आदीनव, आपत्, आपद, आपद्, आफत, आफ़त, आभील, आर्त्तत, आर्त्ति, आस्तव, आस्रव, इजतिराब, इज़तिराब, इज़्तिराब, इज्तिराब, ईज़ा, ईजा, ईत, कष्ट, कसाला, कोफ़्त, कोफ्त, क्लेश, तकलीफ, तक़लीफ़, तसदीह, तस्दीह, ताम, दुःख, दुख, दुख-दर्द, दुहेक, दोच, दोचन, परेशानी, पीड़ा, बला, वृजिन
अर्थ : जिसे दुख या कष्ट पहुँचा हो।
उदाहरण :
दुखी मनुष्य को ही दूसरों के दुख का एहसास होता है।
पर्यायवाची : अनिर्वृत्त, अनुतपत, अमद, अवसन्न, असुखी, आपद्ग्रस्त, आपन्न, आर्त, आर्त्त, खिन्न, दिलगीर, दुःखी, दुखित, दुखिया, दुखियारा, दुखी, दुहेला, निरानंद, निरानन्द, पीड़ित, मलूल, रंजीदा, विषण, विषादग्रस्त, विसन्न, व्यथित, श्रांत