अर्थ : किसी को चिढ़ाने, दुखी करने, नीचा दिखाने आदि के लिए कही जाने वाली वह बात जो स्पष्ट शब्दों में न होने पर भी अथवा विपरीत रूप की होने पर भी उक्त प्रकार का अभिप्राय या आशय प्रकट करती हो।
उदाहरण :
नेता जी विपक्षी का व्यंग्य सुनकर क्रोधित हो गए।
पर्यायवाची : अधिक्षेप, काकु, नोंक झोंक, नोंक-झोंक, नोंकझोंक, नोक झोंक, नोक झोक, नोक-झोंक, नोक-झोक, नोकझोंक, नोकझोक, फबती, फब्ती, मखौल, व्यंग्य, व्यङ्ग, व्यङ्ग्य, शोशा, हँसी
अर्थ : शब्द की व्यंजना वृत्ति से प्रकट होने वाला अर्थ।
उदाहरण :
व्यंग्यार्थ सहजता से समझ में नहीं आता है।
पर्यायवाची : ध्वन्य, व्यंग्य, व्यंग्यार्थ, व्यङ्ग, व्यङ्ग्य, व्यङ्ग्यार्थ