ईंधन (संज्ञा)
वे पदार्थ जिनके जलने से ऊर्जा प्राप्त होती है।
रसौत (संज्ञा)
दारुहल्दी की जड़ और लकड़ी के रस को गाढ़ा करके बननेवाली एक औषध।
पारा (संज्ञा)
एक सफेद, बहुत वजनी और चमकीली धातु जो साधारणतः द्रव रूप में रहती है।
पंजीरी (संज्ञा)
आटे को घी के साथ आँच पर भूनकर तथा उसमें पिसा धनिया, सोंठ, चीनी यथा जीरा आदि मिलाकर तैयार की गई स्वास्थ्यवर्धक खाद्य वस्तु। इसका प्रयोग नैवेद्य के लिए भी किया जाता है।
सत्तू (संज्ञा)
भुने हुए जौ, चने आदि का चूर्ण।
काली तुलसी (संज्ञा)
एक प्रकार की तुलसी।
सेनानायक (संज्ञा)
सेना का प्रधान और सबसे बड़ा अधिकारी।
बालूशाही (संज्ञा)
मैदे से बनी हुई एक प्रकार की मिठाई।
मनुष्यता (संज्ञा)
मनुष्य होने की अवस्था या भाव।
पारिजात (संज्ञा)
समुद्र-मन्थन के समय निकला हुआ एक वृक्ष जो इन्द्र के नन्दनकानन में लगा हुआ माना जाता है।