अर्थ : तत्वज्ञों द्वारा नियत या निश्चित कोई मत या सिद्धांत अथवा किसी प्रकार की विचारधारा या कार्य प्रणाली।
उदाहरण :
वाद का प्रयोग संज्ञाओं के अन्त में प्रत्यय के रूप में होता है - जैसे छायावाद, अनात्मवाद आदि।
पर्यायवाची : वाद
अन्य भाषाओं में अनुवाद :
ரிஷிகளின் மதிக்கத்தகுந்த உபதேசம்
சங்கராச்சாரியரின் அத்துவைத தத்துவம் அனைவராலும் ஏற்கப்படவில்லை.