अर्थ : द्वारकेकडील, गंधासारखी अंगास लावण्याची पांढरी माती.
							उदाहरण : 
							वारकरी गोपीचंदनाचे टिळे लावतात.
							
पर्यायवाची : गोपीचंदन
अन्य भाषाओं में अनुवाद :
द्वारका के सरोवर की वह पीली मिट्टी जिसका तिलक वैष्णव लोग लगाते हैं। आजकल यह नकली भी मिलने लगी है।
पण्डितजी ने यजमान के माथे पर गोपी-चन्दन का टीका लगाया।