अर्थ : शैव दर्शन में सकल के दो भेदों में से एक।
उदाहरण :
तांत्रिक को अपक्वकलुष की अच्छी जानकारी है।
अर्थ : वह बद्धजीव जो संसार में बारबार जन्म लेता है।
उदाहरण :
अपक्वकलुष को मोक्ष प्राप्त करने का उपाय करना चाहिए।