अर्थ : गिलास के आकार का चौड़े मुँह का एक बर्तन जो पूजा में जल रखने के काम आता है।
उदाहरण :
दादीजी आचमन करने के लिए पंचपात्र से जल ढाल रही हैं।
अर्थ : वह श्राद्ध जिसमें पाँच पात्रों में रखकर भोग लगाया जाता है।
उदाहरण :
दादाजी पितृपक्ष में पार्वण श्राद्ध करते हैं।
पर्यायवाची : पार्वण श्राद्ध