अर्थ : कोई ऐसा कार्य या बात जो वास्तविक या सत्य न रहने पर भी सत्य और ठीक जान पड़े।
उदाहरण :
हम सांसारिक माया में फँसे हुए हैं।
माया दीपक नर पतंग भ्रमि-भ्रमि इवैं पड़ंत, कहें कबीर गुरु ग्यान ते एक आध उबरंत।
पर्यायवाची : अनीश, अविद्या, इंद्र-जाल, इंद्रजाल, इन्द्र-जाल, इन्द्रजाल, परपंच, परपञ्च, प्रपंच, प्रपञ्च, भव-विलास
अर्थ : धन की अधिष्ठात्री देवी जो विष्णु की पत्नी कही गई हैं।
उदाहरण :
लोग धन प्राप्ति के लिए लक्ष्मी की पूजा करते हैं।
पर्यायवाची : अंबुजासना, अब्जवाहना, अब्जा, अब्धिज, अब्धिजा, अमला, अम्बुजासना, इंदिरा, इन्दिरा, ई, ईं, ईश्वरा, ईश्वरी, कमला, चंचला, जगन्मयी, देवश्री, नारायणी, पद्मगुणा, पद्ममालिनी, पद्महस्ता, पद्मा, पद्मालया, पिंगला, पिङ्गला, भार्गवी, मंगला, रमा, लक्ष्मी, वरवर्णिनी, विष्णुप्रिया, वृषाकपायी, श्रिया, श्री, श्रीप्रदा, सर्वमंगला, सिंधुकन्या, सिंधुजा, सिंधुसुता, सिन्धुकन्या, सिन्धुजा, सिन्धुसुता, हरिप्रिया
अर्थ : एक देवी जिन्होंने अनेक असुरों का वध किया और जो आदि शक्ति मानी जाती हैं।
उदाहरण :
नवरात्र में लोग जगह-जगह दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करते हैं।
पर्यायवाची : अपरा, अपराजिता, अपर्णा, अमृतमालिनी, अष्टभुजा, आदि शक्ति, आदिशक्ति, आद्या, आर्या, इंद्राणी, इड़ा, इन्द्राणी, ईशा, ईशानी, ईसानी, उग्रा, कल्याणी, कालदमनी, कौशिकी, गायत्री, गौतमी, चामुंडा, चामुंडेश्वरी, चामुंडेश्वरी देवी, चामुण्डा, जगदंबा, जगदंबिका, जगदम्बिका, जगन्माता, जगन्मोहिनी, जया, त्रिदशेश्वरी, त्रिनयना, त्रिभुवनसुंदरी, त्रिभुवनसुन्दरी, त्वाष्टी, दुर्गा, देवी, नंदा, नंदिनी, नन्दा, नन्दिनी, नैऋती, परमेश्वरी, पर्वतात्मजा, प्रगल्भा, बहुभुजा, ब्राह्मी, भालचंद्र, भालचन्द्र, भूतनायिका, मंगलचंडिका, मंगलचण्डिका, मंजुनाशी, महाप्रकृति, महामाया, महायोगेश्वरी, महाश्वेता, महिषासुरमर्दिनी, महोग्रा, मातेश्वरी, योगमाता, योगीश्वरी, योगेश्वरी, रेवती, ललिता, वज्रा, वरवर्णिनी, वरालिका, वामदेवी, वार्त्ता, विजया, विश्वकाया, वृषध्वजा, वैष्णवी, शंभुकांता, शताक्षी, शम्भुकान्ता, शांभवी, शाक्री, शाम्भवी, शारदा, शिवसुंदरी, शिवसुन्दरी, शिवा, शिवानी, शुंभघातिनी, शुंभमर्दिनी, शुद्धि, शुभंकरी, शुम्भघातिनी, शुम्भमर्दिनी, सर्वमंगला, सिंहवाहिनी, सौम्या, हयग्रीवा
अर्थ : मय दानव की पुत्री।
उदाहरण :
माया का विवाह विश्रवा के साथ हुआ था।
अर्थ : इंद्रवज्रा नामक वर्णवृत्त का एक उपभेद जो इंद्रवज्रा और उपेन्द्रवज्रा के मेल से बनता है।
उदाहरण :
माया के दूसरे तथा तीसरे चरण में प्रथम वर्ण लघु होता है।
अर्थ : एक वर्णवृत्त।
उदाहरण :
माया के प्रत्येक चरण में क्रम से भगण, तगण, मगण, भगण और एक गुरु वर्ण होता है।
अर्थ : जन्म देने वाली स्त्री।
उदाहरण :
पुत्र कुपुत्र हो सकता है लेकिन माता कभी कुमाता नहीं हो सकती।
मेरी माँ एक साध्वी महिला हैं।
पर्यायवाची : अंबा, अम्बा, अम्मा, अम्माँ, अम्मां, अम्मीं, अल्ला, जननी, जन्मदात्री, धात्री, प्रजायिनी, प्रसू, महतारी, माँ, मां, माई, माता, मातारी, मातृ, मातृका, मादर, मैया, वरारणि, वालिदा, शिफा