अर्थ : एक शाकाहारी स्तनपायी चौपाया जो अपने स्थूल और विशाल आकार तथा सूँड़ के कारण सब जानवरों से विलक्षण होता है।
उदाहरण :
हाथी को गन्ना बहुत ही प्रिय है।
पर्यायवाची : अंतःस्वेद, अनलपंखचार, अन्तःस्वेद, इभ, करि, करेणु, कुंजर, कुंजल, कुञ्जल, गज, गज्जू, गयंद, गयन्द, जलाकांक्ष, दीर्घमारुत, द्रुमारि, द्विप, द्विरद, द्विराप, द्विहन्, नाग, पिंडपाद, पिंडपाद्य, पिण्डपाद, पिण्डपाद्य, पील, पीलु, फ़ील, फील, भसुंद, मतंग, मतंगज, मत्तकीश, महादंत, महानाद, मातंग, मितंग, रेवाउतन, लंबकर्ण, लतालक, लम्बकर्ण, वारीट, विराणी, वीरमंगल, वृहदंग, वेदंड, वेदण्ड, शुंडाल, शुंडी, शुण्डाल, सत्रि, सिंधुर, सिन्धुर, सूचिकाधर, स्त्रीध्वज, हस्ति, हस्ती, हाथी
अर्थ : एक पौधे की जड़ जो मसाले और रँगाई के काम में आती है।
उदाहरण :
हल्दी एक रोग प्रतिरोधक औषध है।
पर्यायवाची : कावेरी, तमस्विनी, तुंगी, त्रियामा, दीर्घरागा, निशाह्वा, निशि, पवित्रा, पीता, पीतिका, प्रहर्षणी, मंगलप्रदा, मंगला, यामिनी, लसा, वरा, वरिष्ठा, वर्णदात्री, वर्णवती, वर्णविलासिनी, शिफा, शिवा, स्वर्णवर्णा, हरिद्रा, हलदी, हल्दी, हेमघ्ना, हेमरागिनी, हेर
अर्थ : एक पौधा जिसकी जड़ मसाले के काम आती है।
उदाहरण :
समय पर सिंचाई न होने के कारण हल्दी सूख गई।
पर्यायवाची : कावेरी, तमस्विनी, तुंगी, त्रियामा, दीर्घरागा, निशाह्वा, निशि, पवित्रा, पीता, पीतिका, प्रहर्षणी, मंगलप्रदा, मंगला, यामिनी, वरा, वरिष्ठा, वर्णदात्री, वर्णवती, वर्णविलासिनी, वेधमुख्यक, शिफा, शिवा, शोभा, श्रीमत्, श्रीमान्, स्वर्णवर्णा, हरिद्रा, हलदी, हल्दी, हेमघ्ना, हेमरागिनी, हेर
अर्थ : एक प्रकार का गंधद्रव्य जो सीप अथवा घोंघे की जाति के एक जन्तु विशेष के ऊपरी मुख के आवरण का ढकना होता है।
उदाहरण :
नख का आकार नाखून की तरह चंद्राकार या कभी गोलाकार भी होता है।
पर्यायवाची : अंजनकेशी, अनसखरी, अश्वखुर, करभ, नख, नखरी, नखी, नागदंती, नागदन्ती, नागस्तोफा, नागहनु, पौर, विचक्षणा, विशालाक्षी, व्याघ्र-पुष्प, व्याघ्रतला, व्याघ्रदल, व्याघ्रदला, व्याघ्रनख, व्याघ्रनखक, व्याघ्रनखी, व्याघ्रपुष्प, व्याघ्रायुध, व्याघ्री, व्याड़ायुध, व्याधिखड्ग, व्यालकरज, व्यालखंग, शंखनख, शतदंतिका, शतदन्तिका, शफ, शार्दूलज, शीतदंतिका, शीतदन्तिका, शुक्लपुष्पी, श्रीहस्तिनी, श्वेत-पुष्पा, श्वेतघंटा, श्वेतघण्टा, श्वेतपुष्पा, सर्पदंती, सर्पदन्ती, स्वल्पनख
अर्थ : एक प्रकार की लता जिसमें छोटे और पीले फूल लगते हैं।
उदाहरण :
मजीठ की सूखी जड़ एवं डंठलों से लाल रंग प्राप्त होता है।
पर्यायवाची : अरुण, अरुणा, अरुन, चित्रपर्णी, चित्रा, ताम्रवल्ली, फंजी, फञ्जी, ब्रह्ममंडूकी, ब्रह्ममण्डूकी, भंडीतकी, भंडीरलतिका, भंडीरी, भण्डीतकी, भण्डीरलतिका, भण्डीरी, मंजिष्ठा, मंडूकपर्णी, मंडूका, मजीठ, मण्डूकपर्णी, मण्डूका, योजनपर्णी, योजनवल्ली, रक्तयष्टि, रक्ता, रक्तांगी, रक्तालता, रागांगी, लांगली, वस्त्रभूषणा, वस्त्ररंजनी, शंकरा, शंकरी, समंगा, हेमपुष्पी