अर्थ : किसी वस्तु में ऐसा विकार होना जिससे उसके अंग गलने लगे और उसमें से दुर्गंध आने लगे।
उदाहरण :
फल, सब्जियाँ आदि जल्दी सड़ती हैं।
अर्थ : जल मिले पदार्थ में में विशिष्ट प्रकार का रासायनिक परिवर्तन होना।
उदाहरण :
इडली के आटे में अभी तक खमीर नहीं उठा है।
पर्यायवाची : खमीर आना, खमीर उठना, ख़मीर आना, ख़मीर उठना
अर्थ : हीन अवस्था में पड़े रहना।
उदाहरण :
गरीबों का धन हड़पने वाले लाला बुढ़ापे में सड़ते रहे।